खतरनाक है एनीमिया

खतरनाक है एनीमिया

सेहतराग टीम

इस रोग में शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर सामान्‍य से कम या हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है।

सभी व्यक्तियों में इसका स्तर भिन्न-भिन्न हो सकता है। सामान्य तौर पर यह स्तर निम्न प्रकार से होता है :

पुरुष: 13.8 से 17.2 ग्राम/डीएल।

महिला: 12.1 से 15.9ग्राम/डीएल।

(नोट: ग्राम/डीएल = प्रति ग्राम लीटर का दशमांश)।

एनीमिया/रक्ताल्पता के तीन प्रमुख कारण हैं: खून की कमी, लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में कमी और लाल रक्त कोशिकाओं के विनाश की उच्च दर।

एनीमिया/रक्ताल्पताके कारणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते है:

अत्यधिक मासिक धर्म।

गर्भावस्था।

अल्सर।

कोलोन (बृहदान्त्र) पॉलिप या कोलोन (बृहदान्त्र) का कैंसर।

वंशागत विकार।

आयरन, फोलिक एसिड या विटामिन बी12 की कमी युक्त अपर्याप्त आहार। 

रक्त विकार, जैसे कि सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया या कैंसर।

अप्लास्टिक एनीमिया की स्थिति वंशागत या एक्वायर्ड होती है।

 

एनीमिया से पीड़ित होने पर आप थकावट, ठंड लगना, चक्कर और चिड़चिड़पन महसूस कर सकते हैं। आपको साँस लेने में कठिनाई या सिरदर्द भी हो सकता है।

लक्षण

एनीमिया का सबसे सामान्य लक्षण थकान या कमजोरी होती है।

एनीमिया के अन्य लक्षणों में निम्नलिखित संकेत शामिल हो सकते हैं:

सांस की तकलीफ़।

चक्कर आना।

सिरदर्द।

हाथों और पैरों में ठंड लगना।

त्वचा का पीलापन।

सीने में दर्द।

कारण

एनीमिया के तीन प्रमुख कारण है:

१) खून की कमी।

२) लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में कमी।

३) लाल रक्त कोशिकाओं के विनाश की उच्च दर।

१) खून की कमी: एनीमिया का सबसे सामान्य कारण आयरन-डिफिशन्सी एनीमिया अर्थात् खून की कमी होता है। खून की कमी का आधार अल्पावधि या दीर्घावधि स्थितियां हो सकती है। पाचन या मूत्र मार्ग में खून बहना हो सकता है। खून की कमी का कारण सर्जरी, आघात या कैंसर भी हो सकते है। अत्यधिक मासिक धर्म के कारण भी खून की कमी हो सकती है। यदि शरीर का अत्यधिक खून नष्ट हो जाता है, तो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण एनीमिया हो सकता है। 

२) लाल रक्त कोशिका के उत्पादन में कमी: यह “एक्वायर्ड (किसी बीमारी के कारण खून की कमी) या वंशागत विकार” के कारण हो सकता है।  ["एक्वायर्ड" का मतलब है, कि व्यक्ति खून की कमी के साथ पैदा नहीं होता है, बल्कि उसके भीतर बाद के चरणों में खून की कमी विकसित हो जाती है। ] [“वंशागत” विकार का मतलब है, कि व्यक्ति को खून की कमी वाली स्थिति अपने माता-पिता से जन्मजात प्राप्त होती है।]  

एक्वायर्ड स्थितियों और कारकों के कारण एनीमिया के लिए उत्तदायी निम्नलिखित स्थितियां हो सकती हैं:

अस्वस्थ्य आहार।

हार्मोन्स का असामान्य स्तर।

क्रोनिक बीमारियां।

गर्भावस्था।

अप्लास्टिक अनीमिया शरीर को पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने से रोकता है। इस रोग में एक्वायर्ड (किसी बीमारी के कारण खून की कमी) या वंशागत विकार दोनों स्थिति हो सकती है।

३) लाल रक्त कोशिकाओं के विनाश की उच्च दर: लाल रक्त कोशिकाओं के विनाश का कारण कुछ कारक हो सकते है। एनीमिया का एक उत्तरदायी कारक तिल्ली का बढ़ना या तिल्ली की बीमारी भी हो सकता है। यह एनीमिया की एक्वायर्ड (किसी बीमारी के कारण खून की कमी) स्थिति होती है। वंशागत विकार की स्थिति बहुत सारी लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। इसके द्वारा सिकल सेल एनीमिया, थैलीसीमीया तथा कुछ एंजाइमों की कमी हो सकती है। यह स्थितियां लाल रक्त कोशिकाओं में दोष पैदा कर सकती है। इसके कारण स्वस्थ्य लाल रक्त कोशिकाओं की तुलना में बीमार लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं।

एनीमिया की “हीमोलाइटिक एनीमिया” स्थिति शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। एक्वायर्ड (किसी बीमारी के कारण खून की कमी) या वंशागत विकार अथवा अन्य कारक एनीमिया को पैदा करने का कारण हो सकते हैं। उदहारण के लिए इसमें प्रतिरक्षा विकार, संक्रमण, कुछ दवाएं, या रक्ताधान से उत्पन्न होने वाली प्रतिक्रियाएं शामिल हैं।

 

निदान

चिकित्सा का इतिहास: संकेत और लक्षण जैसे कि कमज़ोरी, बेचैनी या शरीर में दर्द हो सकते हैं।

रक्त परीक्षण: हीमोग्लोबिन के स्तर के लिए जाँच (हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है, जो कि ऑक्सीजन को संपूर्ण शरीर में लेकर जाता हैं)। लाल रक्त कोशिकाओं का सामान्य की तुलना में कम (हीमोग्लोबिन का कम बनना) होना।

शारीरिक परीक्षण: रैपिड या अनियमित हृदय की धड़कन। रैपिड या अनियमित श्वास। तिल्ली या लीवर (यकृत) का बढ़ना।

पूर्ण रक्त गणना (कम्प्लीट ब्लड काउंट) (सीबीसी): आमतौर पर एसीबीसी परीक्षण रक्त कोशिकाओं की संख्या पता लगाने के लिए किया जाता है। एनीमिया की जांच के लिए चिकित्सक रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (हिमाटोक्रिट) और हीमोग्लोबिन के स्तर को देखेंगा। सामान्य वयस्कों में हिमाटोक्रिट का मूल्य एक चिकित्सा पद्धति से दूसरी चिकित्सा पद्धति में भिन्न हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह पुरुषों के बीच अड़तीस दशमलव आठ से पचास प्रतिशत और महिलाओं के बीच चौंतीस दशमलव नौ से चवालीस दशमलव पांच प्रतिशत होता है।

यह परीक्षण लाल रक्त कोशिकाओं के आकार और आकृति का निर्धारण करता है: कुछ लाल रक्त कोशिकाओं की जांच असामान्य आकार, आकृति और रंग के लिए भी की जा सकती है। यह निदान करने में सहायता करता है। उदाहरण के लिए, आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में रक्त कोशिकाएं सामान्य रक्त कोशिकाओं की तुलना में छोटी और पीली हो जाती है। विटामिन की कमी से होने वाले एनीमिया में रक्त कोशिकाएं सामान्य रक्त कोशिकाओं की तुलना में बढ़ जाती है या कम हो जाती है।

 

प्रबंधन

आयरन की ख़ुराक: सबसे ज़्यादा आयरन की प्रस्तावित परिपूरक ख़ुराक फेरस सल्फेट है, जिसका सेवन मौखिक तौर पर दिन में दो या तीन बार किया जा सकता है।

पूरक आहार: आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में निम्नलिखित शामिल हैं:

गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे कि पालक।

आयरन युक्त अनाज। 

साबुत अनाजों जैसे कि ब्राउन चावल।

फलियां।

मेवा।

मांस।

खुबानी।

 

जटिलताएं

आयरन न्यूनता एनीमिया के कारण किसी भी तरह की गंभीर या दीर्घकालिक जटिलताओं को कभी-कभार ही पाया जाता है। हालांकि, कुछ जटिलताओं की सूची नीचे दी गई हैं:

थकान: आयरन न्यूनता एनीमिया व्यक्ति में थकावट और आलस (उर्जा में कमी) को विकसित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति की रचनात्मकता और कार्य करने की सक्रियता में कमी आती है। 

प्रतिरक्षा प्रणाली: आयरन न्यूनता एनीमिया व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली) को प्रभावित कर सकता हैं, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति बीमारी और संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाता है।

हृदय और फेफड़ों की जटिलताएँ: गंभीर एनीमिया से पीड़ित वयस्कों में जटिलताएँ विकसित होने का ज़ोखिम हो सकता है, जो कि उनके हृदय या फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए-

टैकीकार्डिया (असामान्य रूप से हृदय की धड़कन तेज़ चलना)।

जब आपका हृदय आपके शरीर के चारों ओर खून का पंप अति कुशलता से नहीं करता है, तब हृदय विफल हो जाता है।

गर्भावस्था: गंभीर एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं में प्रसव के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद एनीमिया की जटिलताएँ विकसित होने का ज़ोखिम बढ़ जाता है। उनमें प्रसव के बाद किसी भी तरह का अवसाद (कुछ महिलाओं को बच्चा होने के बाद अवसाद महसूस) विकसित हो सकता हैं।

(नेशनल हेल्‍थ पोर्टल से साभार)

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